Prajatantra TV – प्रजातंत्र टीवी Politics बिहार की राजनीती में बदलने वाला है खेल, असदुद्दीन ओवैसी को तेजस्वी की हाँ का है इंतजार

बिहार की राजनीती में बदलने वाला है खेल, असदुद्दीन ओवैसी को तेजस्वी की हाँ का है इंतजार



ब्यूरो डेस्क प्रजातंत्र टीवी :- बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होती जा रही है। इस राजनीतिक हलचल के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने महागठबंधन में शामिल होने को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि यदि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस पर सहमति जताए, तो AIMIM गठबंधन का हिस्सा बनने को तैयार है

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हसन ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा, “हमारा मकसद स्पष्ट है — बिहार को सशक्त करना और बीजेपी की नाकामियों को जनता के सामने लाना। AIMIM की दिलचस्पी महागठबंधन में है और हमें उम्मीद है कि तेजस्वी यादव की ओर से जल्द ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।”

‘2020 में भी किया था आग्रह’

आदिल ने यह भी याद दिलाया कि 2020 में भी AIMIM ने महागठबंधन से जुड़ने की पहल की थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की एनडीए सरकार बिहार को लगातार नजरअंदाज़ कर रही है। उनके मुताबिक, “2014 से लेकर 2024 तक बिहार ने भाजपा को लगातार समर्थन दिया, मगर बदले में राज्य को कोई ठोस फायदा नहीं मिला।

सीमांचल के विकास की मांग

AIMIM ने गठबंधन में शामिल होने की शर्त के तौर पर सीमांचल क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज और विशेष दर्जा देने की बात दोहराई है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं है, बल्कि वह क्षेत्रीय संतुलन और विकास पर जोर दे रही है।

गुजरात में निवेश, बिहार में उपेक्षा

AIMIM ने मोदी सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि देश में निवेश की दिशा जानबूझकर गुजरात की ओर मोड़ी जा रही है, जबकि बिहार जैसे राज्य रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में पीछे छूटते जा रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “बिहार के मुद्दों पर प्रधानमंत्री गंभीर नहीं हैं, उन्हें सिर्फ लिट्टी-चोखा और लीची की याद आती है, लेकिन विकास पर बात नहीं करते।”

‘तेजस्वी बड़ा दिल दिखाएं’

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस तेलंगाना में AIMIM को राजनीतिक सम्मान दे सकती है, तो बिहार में RJD को भी उदारता दिखानी चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि अगर सेक्युलर ताकतें एकजुट नहीं हुईं, तो तीसरा पक्ष इसका फायदा उठा सकता है

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