कोटा के बोरखेड़ा थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक युवक की आत्महत्या की खबर ने सनसनी फैला दी. 35 वर्षीय दुश्यंत पांडे ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी. वह एक निजी कंपनी में कार्यरत था और अपने माता-पिता और बहनों के साथ कोटा में रह रहा था.
ये है पूरा मामला
सूचना के अनुसार, दुश्यंत ने आत्महत्या से पहले एक आठ पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें चार लोगों—नरेंद्र नगर, रवि तिवारी, शंकर राय और रामभगत—के नाम दर्ज हैं. नोट में लिखा गया है कि ये सभी लोग उसे लंबे समय से आर्थिक मामलों में मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे. यही मानसिक दबाव उसकी आत्महत्या की वजह बना.
पुलिस ने तोड़ा दरवाजा
गुरुवार दोपहर के बाद से दुश्यंत अपने कमरे से बाहर नहीं आया था. शुक्रवार सुबह जब उसके पिता ने कई बार दरवाजा खटखटाया और अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और देखा कि युवक ने पंखे से लटककर जान दे दी है.
गहनता से की जा रही जांच
बोरखेड़ा थाना प्रभारी सर्किल इंस्पेक्टर देवेश भारद्वाज ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि दुश्यंत पर कुछ आर्थिक दबाव था. उसके खिलाफ चेक बाउंस के भी मामले दर्ज थे. हालांकि, सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम हैं, उनकी भूमिका की भी गहनता से जांच की जा रही है.
पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है. वहीं, परिवार वालों का कहना है कि दुश्यंत पिछले कुछ समय से तनाव में था लेकिन उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा.